वित्त मंत्रालय के एक फैसले के बाद लोग परेशान हैं. परेशानी इस बात की है कि पुरानी कार बेचने पर भी सरकार को 18 फीसदी की GST देनी पड़ेगी. यानी आपने पुरानी कार 2 लाख में बेची तो 36,000 रुपए सरकार के खाते में चली जाएगी? फिर तो आपको इस कार पर 1 लाख 64 हजार ही मिले. पर ऐसा है नहीं. राजस्थान के जैसलमेर में GST काउंसिल की 55वीं बैठक में हुए इस फैसले ने लोगों को गफलत में डाल दिया. गफलत बढ़ा तो वित्त मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर विस्तार से बताया. हम इसे बेहद सरल अंदाज में आपको बता रहे हैं.
सरकार ने साफ किया है कि ये जीएसटी किसी इंडिविजुअल (कार इस्तेमाल करने वाले कार ओनर) को नहीं देनी होगी. यानी ये जीएसटी किसी कंपनी में इस्तेमाल होने के लिए खरीदी गई कारों पर लगेगी. चाहे वो कंपनी यूज्ड कारों का व्यापार ही क्यों न करती हो.
वहीं कंपनी ने इस कार को यदि 15 लाख रुपए में बेच दिया मतलब कंपनी को डिप्रिशिएशन के बाद भी 3 लाख का मुनाफ हो गया. इस 3 लाख पर कंपनी को 18 फीसदी की GST ( 54 हजार रुपए) देनी होगी.
जीएसटी काउंसिल ने ये भी क्लियर किया है कि सभी पुरानी कारों की बिक्री पर एक समान GST दर लागू होगी, जो 18 फीसदी होगी. वो चाहे पेट्रोल हो, डीजल हो या इलेक्ट्रिक व्हीकल हो. अब तक 18 फीसदी GST कुछ विशेष प्रकार की पुरानी कारों पर ही लागू था, जैसे कि 1200 cc और उससे ज्यादा इंजन क्षमता वाली पेट्रोल कारें, 1500 cc और उससे ज्यादा डीजल कारों और SUVs पर.
सरकार ने ये भी साफ किया है कि ये नियम सिर्फ रजिस्टर्ड व्यक्तियों पर लागू होगा. रजिस्टर्ड व्यक्ति की कैटेगिरी में कार्स 24, कार देखो डॉट कॉम या कोई भी रजिस्टर्ड कंपनी आएगी जो GST के दायरे में आती हैं. यानी जो लोग पुराने वाहन खरीदने और बेचने का कारोबार करते हैं, वे ही GST के लिए जिम्मेदार होंगे. अगर कोई आम आदमी एक दूसरे को कार बेचते है तो GST नहीं देना होगा.