उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आने वाले दिनों में तीन प्रमुख मुद्दों—समान नागरिक संहिता (UCC), भू कानून और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शीतकालीन यात्रा—के माध्यम से अपनी राजनीतिक रणनीति को आगे बढ़ाने की तैयारी में है। इन मुद्दों के जरिए पार्टी न केवल हिंदुत्व बल्कि क्षेत्रीय भावनाओं को भी साधने का प्रयास करेगी।
समान नागरिक संहिता (UCC): हिंदुत्व का प्रतीक
भाजपा की धामी सरकार पिछले काफी समय से UCC को लागू करने के लिए गहन तैयारी में जुटी थी। अब UCC के लागू होने के बाद सरकार का मुख्य फोकस आम जनता तक इसके सकारात्मक पहलुओं को पहुंचाना है। UCC को लेकर भाजपा की रणनीति स्पष्ट है—इसके माध्यम से पार्टी हिंदुत्व के मुद्दे को मजबूती से उठाकर आम लोगों को अपने करीब लाना चाहती है। यह कदम न केवल धार्मिक एकरूपता को बढ़ावा देगा बल्कि पार्टी को हिंदू मतदाताओं के बीच और मजबूती से स्थापित करेगा।
भू कानून: क्षेत्रीय भावनाओं को साधने का प्रयास
भू कानून विधेयक को हाल ही में विधानसभा में पारित करवाकर धामी सरकार ने क्षेत्रीय राजनीति को साधने की कोशिश की है। यह कदम उत्तराखंड की स्थानीय भावनाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। भाजपा इस मुद्दे को अपनी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करने में जुटी है। भू कानून के जरिए पार्टी न केवल स्थानीय लोगों का विश्वास जीतना चाहती है बल्कि आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनावों में इसका राजनीतिक लाभ भी उठाना चाहती है।
मोदी लहर: शीतकालीन यात्रा के जरिए जनसंपर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शीतकालीन यात्रा को प्रमोट करने के लिए उत्तराखंड सरकार जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है। प्रधानमंत्री का यह दौरा न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि भाजपा को हिंदुत्व और मोदी लहर को मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करेगा। हालांकि, प्रधानमंत्री का 27 फरवरी का प्रस्तावित कार्यक्रम स्थगित हो चुका है, लेकिन जल्द ही नई तारीख तय होने की उम्मीद है। यह दौरा पार्टी के लिए एक बड़ा जनसंपर्क अभियान साबित हो सकता है।
चुनावी रणनीति: पंचायत से विधानसभा तक
उत्तराखंड में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं, जबकि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भी समय कम होता जा रहा है। ऐसे में धामी सरकार इन तीनों मुद्दों—UCC, भू कानून और मोदी लहर—के जरिए जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश में है। इन मुद्दों को लेकर पार्टी न केवल विपक्ष के तीखे हमलों को पार करना चाहती है बल्कि आम जनता तक अपनी बात पहुंचाने में भी सफल होना चाहती है।
उत्तराखंड में भाजपा की राजनीतिक रणनीति स्पष्ट है—UCC के जरिए हिंदुत्व, भू कानून के माध्यम से क्षेत्रीय भावनाओं और मोदी लहर के जरिए जनसंपर्क को मजबूत करना। ये तीनों मुद्दे न केवल पार्टी के लिए राजनीतिक लाभ का स्रोत हैं बल्कि आने वाले चुनावों में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इन मुद्दों के जरिए अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाती है और विपक्ष को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखंड में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाती है।