मलयालम फिल्म महिला कलाकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ‘हेमा कमेटी रिपोर्ट’ लाई गई. महिला कलाकारों से होने वाली अनैतिक मांगों को लेकर इंडस्ट्री में महिला सुरक्षा से जुड़े हर बिंदु पर रिसर्च के लिए 2019 में रिटायर्ड न्यायमूर्ति हेमा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. रिपोर्ट के सामने आते ही इंडस्ट्री में तहलका मच गया है.
1. क्या है हेमा कमेटी?
फरवरी 2017 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक अभिनेत्री के साथ चलती कार में यौन शोषण की घटना सामने आई थी. इस घटना में अभिनेता दिलीप का नाम सामने आया था, जिसके बाद इसकी जांच के लिए सरकार ने हेमा कमेटी का गठन किया. इस कमेटी ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जो अब पांच साल बाद सार्वजनिक की गई है. इस रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
2. रिटायर्ड जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में बनी कमेटी
मलयालम फिल्म महिला कलाकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ‘हेमा कमेटी रिपोर्ट’ लाई गई. महिला कलाकारों से होने वाली अनैतिक मांगों को लेकर इंडस्ट्री में महिला सुरक्षा से जुड़े हर बिंदु पर रिसर्च के लिए 2019 में रिटायर्ड न्यायमूर्ति हेमा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. कमेटी की ये रिपोर्ट RTI एक्ट 2005 के कारण 19 अगस्त को सामने आई है, अभी तक इसे केरल सरकार ने जारी नहीं किया था. रिपोर्ट के सामने आते ही मलयालम इंडस्ट्री में तहलका मच गया है.
3. रिपोर्ट में क्या-क्या?
A. यौन शोषण बड़ी समस्या – मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या यौन शोषण है. इसके खिलाफ बोलने में भी वो डरती हैं. उन्हें निकाले, हटाए जाने और बैन का भी डर है. इंडस्ट्री के बड़े नाम भी इस अपराध में शामिल हैं. जिसमें डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और प्रोडक्शन कंट्रोलर्स शामिल हैं. महिलाएं जब काम के लिए इनसे संपर्क करती हैं, तो उनसे सेक्सुअल फेवर मांगा जाता है. अगर कोई महिला समझौता नहीं करती, तो उसे काम के अवसर खोने का डर होता है.
B. “एडजस्टमेंट” और “कॉम्प्रोमाइज” आम शब्द बन गए – न्यूकमर्स के सामने इंडस्ट्री की खराब इमेज है. मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कॉम्प्रोमाइज जरूरी और बेहद आम शब्द है. न्यूकमर्स को यहां सफल होने के लिए सेक्सुअल फेवर के साथ एडजस्टमेंट करना होता है. हालांकि सभी ऐसे नहीं हैं. पूरी फिल्म इंडस्ट्री पुरुषों के हाथ में है. कुछ प्रोड्यूसर्स, डायरेक्टर्स और एक्टर्स पूरी इंडस्ट्री पर राज करते हैं. यदि कोई इनके खिलाफ बोलने की कोशिश करता है, तो उसे धमकियां मिलती हैं और इंडस्ट्री से बाहर किया जा सकता है.
C. कैमरे पर कर रही इंटीमेट सीन तो ऑफ सेट क्यों नहीं – मेल एक्टर्स खुलेआम सेक्सुअल फेवर के लिए दबाव बनाते हैं. वो मानते हैं कि यदि महिलाएं फिल्मों में इंटिमेट सीन करने में आरामदायक हैं, तो वे ऑफ सेट भी ऐसा कर लेंगी. फीमेल एक्टर्स ने इसके सबूत के तौर पर वीडियो क्लिप्स, ऑडियो क्लिप्स, स्क्रीनशॉट्स और वॉट्सएप मैसेजेस दिखाए हैं. होटल में रुकने पर मेल एक्टर्स रात को दरवाजे तक खटखटाते हैं और कई बार दरवाजे टूट भी जाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडस्ट्री की सोच है कि महिलाएं फेमस होने या पैसा कमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं.
D. टॉयलेट भी एक समस्या – महिला कलाकारों को डेली बेसिक नीड में दिक्कत होती है आउटडोर शूटिंग के दौरान टॉयलेट जैसी बेसिक सुविधाओं की कमी भी उनकी समस्या है. प्रोडक्शन यूनिट टॉयलेट ब्रेक की सुविधा नहीं देती. बड़े सितारों को वैनिटी वैन में टॉयलेट की सुविधा होती है, लेकिन जूनियर आर्टिस्ट्स को इसका इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता.
E. लिखित कॉन्ट्रैक्ट की कमी- मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर लिखित कॉन्ट्रैक्ट नहीं किए जाते. प्रोड्यूसर्स केवल बड़े एक्टर्स के साथ लिखित कॉन्ट्रैक्ट करते हैं. इसके चलते कई बार क्रू मेंबर्स को तयशुदा फीस नहीं मिलती. महिलाओं की स्थिति और भी खराब होती है क्योंकि कई बार उन्हें बिना लिखित कॉन्ट्रैक्ट के काम करना पड़ता है.
4. शोषण की क्रोनोलॉजी समझिए
1. काम देने के बदले सीधे तौर पर सेक्सुअल फेवर की डिमांड करना. एडजस्ट न करने पर वर्कप्लेस पर यौन शोषण और दुर्व्यवहार करना और उत्पीड़न करना. टॉयलेट, चेंजिंग रूम्स जैसी बेसिक सुविधाएं न देना और इस तरह काम के दौरान परेशान करना, सुरक्षा की कमी.
2. उत्पीड़न के बाद चुप रहने का दबाव बनाना, डराने के लिए काम करने पर मनमाने तरीके से बैन लगाना. पुरुषों का वर्चस्व और जेंडर बेस्ड भेदभाव. वर्कप्लेस पर ड्रग्स और शराब के नशे में अभद्रता.
3. विरोध करने पर अश्लील और अमर्यादित टिप्पणियां, लिखित कॉन्ट्रैक्ट की कमी के कारण तय की गई फीस भी न देना, ऑनलाइन शोषण और साइबर अटैक.
4. पुरुष और महिला की फीस में भेदभाव.टेक्निकल फील्ड में महिलाओं को मौके न देना. कानूनी जागरूकता की कमी. समस्याओं के समाधान के लिए आधिकारिक कमेटी या संगठन की कमी, लिहाजा कोई सुनवाई नहीं. धीरे-धीरे बॉयकॉट और फिर इंडस्ट्री से बाहर
कुल मिलाकर ये कि, हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के गंभीर मामलों की परतें खोल दी हैं, रिपोर्ट में लगभग 10 प्रमुख हस्तियों के नाम सामने आए हैं, जिन पर गंभीर आरोप लगे हैं.
5. अभिनेत्री मीनू मुनीर की शिकायत
अभिनेत्री मिनू मुनीर ने 28 अगस्त को मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई स्थापित अभिनेता, जैसे मुकेश, जयसूर्या और एदवेला बाबू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत इन पर महिला की अस्मिता पर हमला करने का आरोप लगाया है. मीनू ने आरोप लगाया कि इन अभिनेताओं ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया.
6. जयसूर्या का विवाद
अभिनेता जयसूर्या के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है. जयसूर्या ने कहा कि ये आरोप उनके और उनके परिवार के लिए बहुत तनावपूर्ण हैं. वह अभी अमेरिका में रह रहे हैं और इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने की प्लानिंग कर रहे हैं. उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “मेरे परिवार और मुझे अमेरिका में एक महीने से अधिक समय हो चुका है. इस दौरान, मेरे खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो झूठे आरोप लगाए गए हैं.”
7. निर्देशक मोहम्मद और चार्मिला का केस
अभिनेत्री चार्मिला ने वरिष्ठ निर्देशक पर गलत प्रपोजल देने का आरोप लगाया है. चार्मिला ने बताया कि निर्देशक ने उसे सेक्सुअल फेवर के लिए ‘एडजस्टमेंट’ का प्रपोजल दिया और जब उसने इनकार किया, तो उसे फिल्म से हटा दिया गया. उन्होंने MP मोहन को भी आरोपित किया, जिन्होंने उन्हें फिल्म से बाहर करने की साजिश रची. चार्मिला का कहना है कि इस तरह के मामलों में बहुत से अभिनेत्रियां चुपचाप सहन करती हैं.
8. रंजीत और बाबू पर आरोप
निर्देशक-अभिनेता रंजीत पर एक नवोदित अभिनेता ने 2012 में बेंगलुरु के होटल में उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करने का आरोप लगाया है. रंजीत ने इस मामले में अपनी सफाई दी है, लेकिन पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. एक जूनियर कलाकार ने बाबू पर AMMA सदस्यता प्राप्त करने के दौरान सेक्सुअल फेवर की मांग करने का आरोप लगाया है. बाबू पर पहले भी इसी तरह के आरोप लग चुके हैं.
9. सिद्धीक पर आरोप
वयोवृद्ध अभिनेता सिद्धीक पर एक अभिनेत्री ने 2016 में एक फिल्म प्रोजेक्ट के बहाने उसे होटल बुलाकर यौन शोषण और रेप करने का आरोप लगाया है. इस आरोप के बाद सिद्धीक ने AMMA के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, केरल पुलिस ने अभिनेता और CPI(M) विधायक M मुकेश के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया है. मीनू मुनीर की ओर से की गई शिकायत के बाद मुकेश ने इसे “ब्लैकमेल” का प्रयास बताया है और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. मुकेश ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की साजिश है.
10. कुछ अन्य अभिनेता भी हैं जद में
ये लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है, बल्कि इसमें और भी नाम शामिल हैं. रिपोर्ट के बाद अन्य आरोपियो के नाम भी सामने आए हैं. एदवेला बाबू, मणियनपिल्ला राजू, निर्देशक V.K. प्रकाश और प्रोडक्शन एक्जीक्यूटिव्स विचू और नोबल शामिल हैं. रिपोर्ट के खुलासे के बाद सुपरस्टार मोहनलाल ने AMMA के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और लोगों से अनुरोध किया कि वे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को इस तरह से नुकसान न पहुंचाएं. उनका कहना है कि इससे कई लोगों की आजीविका चल रही है. मोहनलाल ने कहा कि फिल्म उद्योग में सुधार के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है और सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.