Wednesday, December 18, 2024
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पीएम मोदी ने इशारों में दे दिया किसानों की समस्या के समाधान का ये फार्मूला

किसान आंदोलन के बीच गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में इशारों ही इशारों में ही समझा दिया कि किसानों की समस्या का समाधान कैसे हो सकता है . उन्होंने अपने भाषण में आंदोलनरत किसानों का बिना नाम लिए यह समझाने की कोशिश की कि किस तरह किसानों की आय बढ सकती है. नरेंद्र मोदी गुजरात के अमूल डेयरी मॉडल की तारीफ करते हुए किसानों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कई संदेश देने की कोशिश की है.उन्होंने कहा, हमारा फोकस है …

1-धान-गेहूं और गन्ना मिलकर भी डेयरी का मुकाबला नहीं कर सकते

गुजरात में दुग्ध उत्पादकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि आज देश में डेयरी उत्पाद का कुल टर्नओवर 10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर है. इस बात को थोड़ा और समझाते हुए वो कहते हैं कि देश में धान-गेहूं और गन्ने को मिलाकर भी जो उत्पाद तैयार होता है उसका कुल टर्नओवर 10 लाख करोड़ नहीं पहुंचता है. उनके कहने का मतलब सीधा है कि किसानों को धान-गेहूं और गन्ने से ऊपर उठना होगा. कृषि आय को बढ़ाना है तो  दुग्ध उत्पादन , फल और सब्जियों का उत्पादन , अंडे आदि का उत्पादन पर जोर देना होगा.

भोजन का मतलब अब सिर्फ गेहूं और चावल नहीं रह गया है. सेफोलॉजिस्ट यशवंत देशमुख लिखते हैं कि एक समय अधिकांश गरीब भारतीय मुख्य भोजन के रूप में चावल या गेहूं ही खाते थे. प्रोटीन आहार के रूप में भारत के पास कुछ नहीं था. इसकी वजह से कुपोषण के मानकों पर भारत का प्रदर्शन खराब रहा. लेकिन जब से पीवी नरसिम्हा राव ने देश की इकोनॉमी खोली तो भारतीयों की आय बढ़ी, इसके बाद भारतीयों की हैसियत सब्जी फल और पनीर खाने लायक हो गई.  इसलिए जरूरी है कि किसान भी समय के साथ आगे की देखें और सोचे.अगर आप आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि बागवानी उत्पादन कुछ वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन से आगे निकल गया है.दुग्ध उत्पादन का ग्रोथ रेट भी दुनिया में सबसे अधिक 6 प्रतिशत के करीब भारत में है.

2- किसानी के साथ पशुपालन-मधुमक्खी और मछलीपालन भी करें

पीएम ने आज अपने संबोधन में बताया कि आज सरकार किस तरह  पशुपालन , मधुमक्खी पालन, मछलापालन के लिए माहौल तैयार कर रही है. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए देसी नस्लों को बचाए रखने, मुंहपका और खुरपका बीमारी की रोकथाम के लिए हजारों करोड़ रुपये की टीके लगाने की योजनाओं की उन्होंने जानकारी दी. मछली पालन के लिए चलाई जा रही योजना की प्रगति के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मछली पालने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है. मतलब सीधा संदेश था कि केवल अन्न उपजाने से काम नहीं चलने वाला है. किसानों को अगर अपनी आय बढ़ानी है तो उन्हें अपने को अपडेट करना होगा. पीएम मोदी ने कहा, कि हमारी सरकार का जोर अन्नदाता को उर्जादाता बनाने के साथ ही उर्वरकदाता बनाने पर भी है.

हम किसानों को सोलर पंप दे रहे हैं.

खेत की मेढ़ पर ही छोटे-छोटे सोलर प्लांट लगाने के लिए मदद दे रहे हैं.

गोबरधन योजना के तहत पशुपालकों से गोबर खरीदने की व्यवस्था भी बनाई जा रही है.

हमारे डेयरी प्लांट में गोबर से बिजली पैदा की जा रही है.

बदले में बनने वाली जैविक खाद किसानों को बहुत कम कीमत में उपलब्ध कराई जा रही है.

3-सहकारी संस्थानों को विशाल कॉर्पोरेट बनाने की तैयारी

अमूल एक सहकारी समिति है जिसकी स्थापना बहुत पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में हुई थी. आज दुनिया की आठवीं बड़ी डेयरी इकाई बन चुकी है. आज अमूल ने लाखों किसानों के जीवन में उजाला भर दिया है. हजारों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है. पीएम मोदी ने आह्वान किया कि बहुत जल्दी अमूल को दुनिया की सबसे डेयरी प्रॉडक्ट करने वाली इकाई बनाना है. मोदी ने कहा कि देश में पहली बार सहकारिता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है.  दरअसल आजादी के बाद से ही सहकारिता को किसानों की आय बढाने और देश की तरक्की का एक रास्ता बताया गया पर इस पर ठीक से काम नहीं हो सका.पीएम मोदी चाहते हैं कि गांव-गांव में किसान सहकारी समितियों का विकास हो.

पीएम मोदी बताते हैं कि देश के दो लाख से अधिक गांव में सहकारी समितियों का निर्माण किया जा रहा है. खेती हो, पशुपालन हो या मछली पालन… इन सभी सेक्टर्स में ये समितियां बनाई जा रही हैं. आज बीजेपी सरकार दूसरी सहकारी समितियों को करोड़ों रुपए की मदद दे रही है. हमने गांवों में खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपए का फंड भी बनाया है. इस योजना का लाभ भी किसानों से जुड़े संगठनों को हो रहा है. सरकार हर तरह से आपके साथ खड़ी है और ये मोदी की गारंटी है.ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहकारिता बढ़ाया जा रहा है.

4- किसान कृषि उद्यमी बनें

यह बहुत पुरानी बात है किसानों को उनके उपज का उचिच मूल्य नहीं मिलता रहा है. किसान से एक रुपये किलो आलू खरीद कर आज से 25 साल पहले जब 30 रुपये पैकेट अंकल चिप्स मिलना शुरू था तभी से यह बात उठती रही है. मसाले -तेल या अनाज कुछ भी हो जब उन अनाज से कोई उद्योगपति प्रॉडक्ट तैयार कर लेता है तो वह उस फसल के मूल्य के दस गुने से भी अधिक लाभ कमाता है. पीएम मोदी की तैयारी किसान को अन्न उत्पादक से प्रॉडक्ट उत्पादन करने वाला कृषि उद्यमी बनाने की है. इसके लिए मोदी अपनी योजनाओं की जानकारी देते हैं. पीएम मोदी ने आज कहा कि सहकारी समितियों का इस्तेमाल मेड इन इंडिया यानि मैन्यूफैक्चरिंग के लिए की जा रही है. इसके लिए टैक को भी बहुत कम किया गया है. 10 हजार किसान उत्पाद संघ बनाए जा रहे हैं जिसमें 8 हजार बन भी चुके हैं.  ये छोटे किसानों के बड़े संगठन हैं. ये छोटे किसानो को कृषि उद्यमी और निर्यातक बनाने का मिशन है. खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ का फंड बनाया गया है. इस योजना का लाभ भी सहकारी समितियों को हो रहा है.

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