राज्य आंदोलनकारी घोषित करने की मांग को लेकर पूरे जनपद के बाजगी समुदाय के लोग ढोल-दमाऊं सहित रणसीगों के साथ सड़कों पर उतर आए। बाजगी समुदाय के लोगों ने काली कमली धर्मशाला से पूरे बाजार से लेकर कलक्ट्रेट परिसर तक रैली निकाली। वहीं अंत में बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में मांग को लेकर मन्नत मांगी।
उत्तरकाशी मुख्य बाजार दर्जनों ढोल-दमांऊ सहित रणसीगों की गर्जन से गूंज उठा। बाजगी समुदाय के लोगों ने कलक्ट्रेट परिसर में डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। समुदाय के लोगों का कहना है कि वे लंबे से राज्य आंदोलनकारी घोषित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर अमल नहीं कर रही है।
ढोलसागर कला मंच के जिलाध्यक्ष भाग्यान दास ने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य के लिए जब पहाड़ के लोग लड़ाई लड़ रहे थे, तो उस समय आंदोलन को सफल करने और लोगों को जागरूक करने के लिए सबसे आगे ढोल-दमाऊं और रणसींगा लेकर बाजगी समुदाय के लोग चलते थे। कई बार बाजगी समुदाय के लोगों को भी पुलिस की लाठियां खानी पड़ी।
कई लोग जख्मी हुए। उस समय आंदोलन में यही सोचकर अपनी भागीदारी निभाई कि एक बार अपना प्रदेश मिल जाएगा, तो हमें भी अन्य लोगों की तरह राज्य आंदोलनकारी घोषित किया जाएगा। प्रदेश सरकार बाजगी समुदाय की अनदेखी कर रही है। इसलिए अगर जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।