देहरादून: दिल्ली के बेबी केयर और गुजरात के गेम जोन में हुए अग्निकांड के बाद उत्तराखंड दमकल विभाग ने प्रदेश भर में अस्पतालों, स्कूलों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण अभियान चलाया। इस निरीक्षण में चौंकाने वाली बात सामने आई है कि राज्य में कई ऐसे अस्पताल, स्कूल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स हैं जिनके पास फायर विभाग से अग्निशमन सुरक्षा प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं है।
गंभीर लापरवाही:
- 166 अस्पताल: जिनका क्षेत्रफल 500 वर्ग फीट से अधिक और ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है, उनके पास किसी भी प्रकार के अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं हैं।
- 94 स्कूल: जिनका क्षेत्रफल 500 वर्ग फीट से अधिक और ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है, उनके पास किसी भी प्रकार के अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं हैं।
- 292 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स: जिनका क्षेत्रफल 500 वर्ग फीट से अधिक और ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है, उनके पास किसी भी प्रकार के अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं हैं।
दमकल विभाग ने इन सभी संस्थानों को नोटिस भेजकर जल्द से जल्द सुरक्षा उपकरण लगाने की बात कही है।
अस्पतालों में फायर सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य:
- अस्पतालों में अग्निशमन उपकरण और पर्याप्त साधन होना अनिवार्य है।
- 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल और 12 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अस्पतालों को भवन निर्माण शुरू करने से पहले फायर सर्विस से एनओसी लेना जरूरी है।
- 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले अस्पतालों को विकास प्राधिकरण से सर्टिफिकेट मिलता है, लेकिन इनकी जानकारी भी फायर सर्विस विभाग को दी जानी चाहिए।
चिंता का विषय:
- देहरादून के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज, दून अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी के पास भी फायर एनओसी नहीं है।
- अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ओपीडी और इमरजेंसी का निर्माण सरकार द्वारा किया गया था और उस समय इनकी एनओसी नहीं ली गई थी।
- हालांकि, दोनों जगहों पर अग्निशमन उपकरण लगाए गए हैं और अस्पताल कर्मचारियों को आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यह घटना अग्नि सुरक्षा नियमों के प्रति लापरवाही का गंभीर उदाहरण है। संबंधित अधिकारियों को तुरंत कदम उठाकर इन संस्थानों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए। नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और यदि वे किसी भी संस्थान में अग्नि सुरक्षा उपकरणों की कमी देखते हैं तो इसकी सूचना दमकल विभाग को देनी चाहिए।