रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में एवलॉन्च की कई तस्वीरें सामने आती रही हैं. इस बार ऐसी एक घटना केदारनाथ क्षेत्र में चोराबाड़ी ग्लेशियर से करीब 4 किलोमीटर ऊपर देखने को मिली है. बताया जा रहा है कि लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण हिमालय क्षेत्र में इस तरह के एवलॉन्च देखे जा रहे हैं. हालांकि वैज्ञानिक हिमालयी क्षेत्र में बर्फ का गुबार बनने जैसी इस घटना को सामान्य मान रहे हैं.
केदारनाथ क्षेत्र में आया एवलॉन्च: केदारनाथ क्षेत्र में हिमालय की ऊंची पर्वत श्रृंखला पर ग्लेशियर के टूटने की तस्वीर सामने आई है. जानकारी के अनुसार चोराबाड़ी ग्लेशियर से करीब 4 किलोमीटर ऊंचाई पर इस तरह की घटना देखने को मिली है. यहां पर एक बड़ा हिमस्खलन हुआ है. हालांकि इससे किसी तरह के नुकसान की कोई भी खबर अब तक नहीं है. बताया जा रहा है कि हिमालय के ऊंचे क्षेत्र में ग्लेशियर टूटा है, जिससे बर्फ के गुबार की तस्वीर सामने आई है. ग्लेशियर टूटने के बाद बर्फ का एक बड़ा गुबार नीचे खाई में समता हुआ दिखाई दिया है. एवलॉन्च आने की ये घटना रविवार की बताई जा रही है.
2013 में केदारनाथ में आई थी आपदा: जानकारी के अनुसार केदारनाथ मंदिर से भी इस दृश्य को देखा गया और कई लोगों ने अपने मोबाइल पर भी इन तस्वीरों को रिकॉर्ड किया है. दरअसल चोराबाड़ी ग्लेशियर केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे स्थित है. इसी ग्लेशियर से ऊपर एवलॉन्च आया है. चोराबाड़ी वही ग्लेशियर है जो 2013 में केदारनाथ आपदा के लिए जिम्मेदार माना जाता है. तेज बारिश के कारण इसी ग्लेशियर में बेहद ज्यादा पानी भरने के बाद अचानक बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी. शायद यही कारण है कि अब जब इस ग्लेशियर के ऊंचे क्षेत्र पर इस तरह की घटना हुई है तो हर कोई इसकी चर्चा कर रहा है.
वैज्ञानिकों ने बताया सामान्य घटना: इससे पहले केदारनाथ क्षेत्र में हल्की बारिश हुई थी. इसके बाद इस घटना के होने की बात कही जा रही है. हालांकि वैज्ञानिक इस तरह की घटनाओं को सामान्य मानते हैं और हिमालय में अक्सर एवलॉन्च आने की बात भी कहते हैं. इससे पहले इसी ग्लेशियर के पास कई बार हिमस्खलन की घटना हो चुकी है. हालांकि साल 2013 में 16-17 जून को आई आपदा के बाद से ही लगातार वैज्ञानिक इस पूरे क्षेत्र पर नज़रें बनाए रखते हैं. ग्लेशियर पर किसी तरह की झील का निर्माण होने को लेकर भी मॉनिटरिंग की जाती है.