पुणे और दिल्ली में छापेमारी के बाद पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने दोनों शहरों में छापेमारी के दौरान 1,800 किलोग्राम सिंथेटिक उत्तेजक दवा मेफेड्रोन बरामद की है, जिसे ‘म्याऊ म्याऊ’ भी कहा जाता है. पकड़ी गई ड्रग की अनुमानित कीमत लगभग 3,500 करोड़ रुपये है. इसे हाल के दिनों में नशीली दवाओं की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक माना जा रहा है.
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पुणे और दिल्ली से तीन-तीन लोगों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत नशीली दवाओं के मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुणे पुलिस ने बुधवार को भी दिल्ली में छापेमारी की. कई लोग पुणे पुलिस की जांच के दायरे में हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मेफेड्रोन, जिसे ‘म्याऊ म्याऊ’ के नाम से भी जाना जाता है, एक सिंथेटिक उत्तेजक और मनोदैहिक पदार्थ है, जो एनडीपीएस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है. आईपीएस कुमार ने कहा कि जांच युद्ध स्तर पर चल रही है. ऊपर और नीचे के संबंधों की जांच की जा रही है और पुलिस की टीमें अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर काम कर रही हैं.
इस मामले में गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों के इतिहास के बारे में पूछे जाने पर आईपीएस अधिकारी ने बताया कि वे मुख्य रूप से “कूरियर बॉय” के रूप में काम कर रहे थे और उनके खिलाफ पहले से कुछ मामले दर्ज थे. यह पूछे जाने पर कि क्या ड्रग रैकेटियर ललित पाटिल किसी भी तरह से नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़ा था? पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अभी तक कोई लिंक सामने नहीं आया है.
पिछले साल, ललित पाटिल एक ड्रग रैकेट के सरगना के रूप में उभरा था, जिसका खुलासा मुंबई में पुलिस ने दो महीने के लंबे ऑपरेशन के बाद किया था. उसी दौरान लगभग 300 करोड़ रुपये के मेफेड्रोन जब्त की गई थी और नासिक में एक दवा निर्माण इकाई पर छापेमारी भी अंजाम दी गई थी. पाटिल पुणे के एक सरकारी अस्पताल से भाग गया था, लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.