हरियाणा का राजनीति में कई कद्दावर नेता हुए हैं. ताऊ देवीलाल (Tau Devi Lal) उन्हीं में से एक हैं. चौधरी देवीलाल भारत के उप प्रधानमंत्री रहे हैं. इसके अलावा देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
ताऊ देवीलाल के कई किस्से मशहूर हैं. एक बार गुस्से में चौधरी देवीलाल ने राज्यपाल को थप्पड़ जड़ दिया था. आइए जानते हैं आखिर ताऊ देवीलाल ने गवर्नर को थप्पड़ क्यों मारा था?
1982 का विधानसभा चुनाव
बात साल 1982 की है. हरियाणा में 1982 में विधानसभा चुनाव हुए थे. 90 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 36 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को बहुमत से 10 सीटें कम मिली थीं.
भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और भाजपा ने गठबंधन में हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन को 37 सीटें मिली थीं. गठबंधन में 6 सीटें बीजेपी और 31 सीटें भारतीय राष्ट्रीय लोक दल को मिलीं.
राज्यपाल का पक्षपात
उस समय हरियाणा के गवर्नर गणपतराव देवजी तपासे थे. हरियाणा विधानसभा चुनाव 1982 में किसी भी पार्टी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. ऐसे में राज्यपाल जिसको बुलाते उसकी सरकार बननी थी.
हरियाणा के राज्यपाल गणपतराव देवजी तपासे ने पहले चौधरी देवीलाल को सरकार बनाने के लिए बुलाया. वहीं ताऊ देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला अपने समर्थन वाले विधायकों को लेकर हिमाचल चले गए.
इसी बीच कांग्रेस ने निर्दलीय और कांग्रेस जे के विधायकों को मिलाकर 52 विधायकों के समर्थन का दावा पेश कर दिया. कांग्रेस के नेता भजनलाल इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से बात करने के बाद राजभवन पहुंचे. इस दावे में कुछ विधायक वो भी थे जो ओमप्रकाश चौटाला के साथ थे.
ताऊ ने गवर्नर को जड़ा थप्पड़
कांग्रेस के 52 विधायकों के समर्थन वाली लिस्ट मिलने के बाद राज्यपाल ने भजनलाल को सरकार बनाने का मौका दे दिया. आनन-फानन में कांग्रेस नेता भजनलाल को हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई.
जब चौधरी देवीलाल को ये पता चला तो बहुत नाराज हुए. देवीलाल अपने और बीजेपी के विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे. राज्यपाल ने राजभवन में ताऊ देवीलाल को दो घंटे इंतजार कराया. मिलने के बाद दोनों के बीच विवाद होने लगा.
दोनों के बीच विवाद काफी बढ़ गया. ताऊ देवीलाल ने गुस्से में राजभवन में गवर्नर गणपतराव देवजी तपासे को थप्पड़ मार दिया. ये देखकर हर कोई भौचक्का रह गया. राज्यपाल ने इस घटना को ज्यादा तूल नहीं दिया. इस घटना को लेकर चौधरी देवीलाल पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.