(Chamoli, NTI): भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने ग्वालदम से तपोवन (जोशीमठ) तक एक नई सड़क बनाने की मंजूरी दी है, जिसे “जनरल स्टाफ रोड” के नाम से जाना जाएगा। इस सड़क के निर्माण का जिम्मा सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया है। बीआरओ ने इस परियोजना को मार्च 2025 से पहले शुरू कर पांच वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
सीमा सड़क संगठन ने लोक निर्माण विभाग से वाण तक बनी सड़क को हैंडओवर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वाण से आगे लॉर्ड कर्जन ट्रैक रोड के रास्ते तपोवन तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। यह मार्ग ऐतिहासिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1900 के दशक में इसे भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन के लिए बनाया गया था। हालांकि, किन्हीं कारणों से वह इस मार्ग पर नहीं आ सके थे।
ग्वालदम से तपोवन तक बनने वाली इस 99.2 किलोमीटर लंबी सड़क में से 60 किलोमीटर सड़क पहले से बनी हुई है, जबकि 39.2 किलोमीटर नई सड़क का निर्माण बीआरओ द्वारा किया जाएगा। इस सड़क के निर्माण से पिंडर घाटी सहित चमोली जिले के लोगों में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह सड़क सीमाओं को जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्र के पर्यटन को भी नई ऊंचाईयों तक पहुंचाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 897 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। बीआरओ के कमान अधिकारी मनोहर कुमार ने बताया कि सड़क का काम मार्च 2025 से पहले शुरू किया जाएगा। इस सड़क का निर्माण भारतीय सेना की रणनीतिक जरूरतों के लिए किया जा रहा है।
ग्वालदम के व्यापारी और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस सड़क के निर्माण से व्यापार और पर्यटन में वृद्धि होगी। यह सड़क न केवल सीमाओं की दूरी कम करेगी, बल्कि पर्यटन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। इस परियोजना के शुरू होने से उत्तराखंड के इस क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी और सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी।