हल्द्वानी: नैनीताल जिले के रामनगर इलाके से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पांच महीने में 19 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि अधिकांश लोग एक किशोरी के साथ संपर्क में आए थे. स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि युवती के संपर्क में आए अन्य लोग भी एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं. वहीं एचआईवी संक्रमित कई लोगों की पत्नियां भी पॉजिटिव पाई गई है.
अप्रैल महीने से अब तक 19 लोग पाए गए एचआईवी पॉजिटिव: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब एचआईवी संक्रमित सभी लोगों की काउंसलिंग शुरू कर दी है. साथ ही उनका इलाज भी किया जा रहा है. नैनीताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरीश पंत बताया कि नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में पिछले 4 सालों में 75 एचआईवी पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं, लेकिन इस साल अप्रैल महीने से लेकर अभी तक एचआईवी संक्रमित के 19 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया.
किशोरी के संपर्क में आए युवक पाए गए एचआईवी पॉजिटिव: स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि इस साल एचआईवी पॉजिटिव युवा ज्यादा हैं. बताया जा रहा है कि एचआईवी पॉजिटिव ज्यादातर लोग एक किशोरी के संपर्क में आए हैं. कहा जा रहा है कि किशोरी ड्रग्स एडिक्ट है. युवक ड्रग्स का लालच देकर उसके संपर्क में आए हैं, जहां संपर्क में आए लोगों की तबीयत खराब होने पर जब उन्होंने जांच कराई तो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं.
एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद युवकों के उड़े हैं होश: वहीं, अस्पताल पहुंचे युवकों की जांच में पता चला कि वो सभी एचआईवी पॉजिटिव हैं. जिसके बाद सभी एचआईवी पॉजिटिव युवकों के होश उड़े हुए हैं. काउंसलर की पूछताछ के दौरान केवल इसी किशोरी का नाम सामने आया, जिससे स्पष्ट हुआ कि रामनगर क्षेत्र में एक किशोरी की वजह से अधिकांश लोग एचआईवी संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच में कई शादीशुदा लोगों ने भी किशोरी के साथ संबंध बनाए है. इस वजह से उनकी पत्नियां भी संक्रमित हो गई. स्वास्थ्य विभाग अब संक्रमित लोगों और उनके संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग शुरू कर दी है. बताया जा रहा कि एचआईवी संक्रमित की संख्या बढ़ सकती है
एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दी जाती है निशुल्क दवा: अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 26 नए मामले सामने आए, जबकि इसी साल अप्रैल से अक्टूबर तक 19 लोग संक्रमित पाए गए. सभी संक्रमित युवक हैं. नैनीताल सीएमओ हरीश पंत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सेमिनार और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को निशुल्क दवा दी जाती है. उनकी पहचान को गोपनीय रखा जाता है.