अल्मोड़ा: 150 साल पहले युद्ध में प्रयोग किए जाने वाले एक शस्त्र ने आज अल्मोड़ा संग्रहालय की शोभा बढ़ा दी है। खड़ाऊ गांव के स्वर्गीय किशन सिंह बिष्ट के परिवार ने यह शस्त्र, जिसे “कोरा” कहा जाता है, संग्रहालय को दान कर दिया है। यह शस्त्र अब संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा और आने वाली पीढ़ियों को क्षेत्र के वीर अतीत की याद दिलाएगा।
यह शस्त्र कैसे आया संग्रहालय में?
स्वर्गीय किशन सिंह बिष्ट की इच्छा थी कि यह शस्त्र किसी संग्रहालय में रखा जाए ताकि लोग इसे देखकर प्रेरणा ले सकें। उनके बेटों धीरेंद्र सिंह बिष्ट और राकेश बिष्ट ने अपनी पिता की इच्छा पूरी करते हुए यह शस्त्र अल्मोड़ा संग्रहालय को दान कर दिया है।
क्या है इस शस्त्र का महत्व?
यह शस्त्र 150 साल पुराना है और उस समय के युद्धों में इसका इस्तेमाल किया जाता था। यह शस्त्र न केवल अपनी ऐतिहासिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों के वीरता और पराक्रम का भी प्रतीक है।
संग्रहालय प्रशासन ने क्या कहा?
संग्रहालय प्रशासन ने इस शस्त्र को दान में देने के लिए बिष्ट परिवार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह शस्त्र संग्रहालय के लिए एक महत्वपूर्ण अधिग्रहण है और यह निश्चित रूप से आगंतुकों को आकर्षित करेगा।